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खैर मनाओ कि ये “ हिंदुस्तान “ है !

aditya
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जएनयू प्रकरण में जिस कदर देश में अंतर्व्यापी देशद्रोहियों ने भारत माता के आँचल को अपने तीखे विचारों व नारों से कलंकित कर पूरे विश्व के समक्ष भारतवासियों को लज्जित किया , वह न तो भुलाने लायक है और न ही माफ़ कर देने लायक . जिस पावन भूमि पर उन्होंने जन्म लिया ,जिसकी ममता के निर्मल छांव में वे खड़े व बड़े हुए , जिन्होंने बचपन से ही उनके हर जरूरतों की पूर्ति की ,उन्हीं से ये दगाबाजी कतई माफ़ नहीं की जा सकती है .
देशविरोधी नारे लगाने वाले जेएनयू के छात्रसंघ के नेता कन्हैया कुमार के गिरफ्तारी का जिस प्रकार देश के प्रमुख पार्टियों ने विरोध किया , वह सत्ता के मद में चूर नेताओं की स्वार्थी मानसिकता को प्रदर्शित करता है .खैर ,अब कन्हैया को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दे दी गयी है .यह किस हद तक उचित है यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा .पर इससे निश्चित रूप से देशद्रोहियों के देश विनाशी मंसूबों को बल मिलेगा . भारत माता के संतान होने के बावजूद भारत को दहलाने वाले आतंकियों का समर्थन करना और भारत से बदला लेने की बातें कहना , ये उनकी नासमझी कहे या देशद्रोहिता या  कुछ और ..पर हर तरफ से यह भारत के अखंड व अतुल्य राष्ट्र वाली छवि को प्रभावित करता है . बहरहाल , उन्हें देश के प्रति अपनी दायित्वों व मान मर्यादाओं को समझ लेना चाहिए .यही राष्ट्र उन्नति के लिए बेहतर होगा .

आदित्य शर्मा
हरनाकुंडी ,दुमका

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