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रफ़्तार हमेशा रोमांचक होती है, पर यही रफ़्तार कभी -कभार पलभर में ऐसी खौफनाक व दर्दनाक घटना को अंजाम दे देती हैं ,जिसका ज़ख्म ताउम्र पीड़ितों व उनके संबंधियों के ज़ेहन में ताज़ा रहता है और अक्सर उसके ह्रदय को द्रवित करता रहता है .हमारे देश भारत में लगातार हो रही ऐसी दुर्घटनाएं, कहीं न कहीं लोगों को लापरवाही भरा रवैया छोड़कर एहतियात बरतने का सन्देश देती हैं. पर बावजूद इसके अधिकांश शख्स हैं कि कोई सबब लेने को तैयार नहीं हैं .उन्हें अपने पलभर की रोमांच व मस्ती से हो सकने वाली अपूर्णीय क्षति का अंदेशा तक नहीं होता है .ऐसे में वे कभी खुद को, तो कभी किसी और को अपनी लापरवाही के कारण दर्दनाक परिस्थितियों के गिरफ्त में डाल देते हैं. अभी दो दिन पहले धनबाद में जिस प्रकार कुछ लापरवाह युवकों के लहरिया तरीके से वाहन चलाने के कारण एक शख्स की मौत के साथ ही एक परिवार की खुशियाँ लील गयीं, वह हमारे समाज के नकारात्मक पहलु को उजागर करती है और हमारे समक्ष कड़वी सच्चाई परोसती है जब तक व्यक्ति भुक्तभोगी नहीं बन जाता तब तक वे अपनी लापरवाही भरे रवैये को नहीं छोड़ते हैं. हमें इस मानसिकता को बदलना होगा .
आदित्य शर्मा
adityasharma.dmk@gmail.com
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