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बीते दो वर्षों से भीषण सूखे की चपेट में असंख्य समस्याओं से जूझ रहा हमारा देश भारत, अब चैन की साँसें लेगा. भारतीय मौसम विभाग ने जून से सितम्बर माह तक भारी बारिश होने की संभावना जतायी है. उनके अनुसार, इस बार की मानसून पिछले दो वर्षों से मौसम की मार से बेहाल किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलने वाली होगी. बीते वर्षों से, अल नीनो के वजह से उपजी भीषण जल संकट, इस वर्ष ला नीनो के प्रभाव में आकर तमाम भारतीय किसानों के लिए राहत बनकर सामने आयेंगी.
वर्तमान समय की बात करें तो, लगभग समूचा भारत मौसम के मार से त्राहि-त्राहि हो चूका है. हमारे देश भारत के १३ राज्यों के २०० जिलों में लगभग ५० करोड़ से ज्यादा लोग सूखे से बुरी तरह प्रभावित हैं. मध्य, पश्चिम और दक्षिण भारत में पानी के लाले पड़ गये हैं. आलम ये है कि राज्य सरकारों को इस गंभीर मसले पर माथापच्ची करनी पड़ रही है . महाराष्ट्र में धारा १४४ लागु कर दी गयी है. बुंदेलखंड में पानी की निगरानी के लिए बंदूकों का सहारा लिया जा रहा है. रांची हाइकोर्ट ने भी नगर निगम को जल संरक्षण के लिए सेना की मदद तक लेने की सलाह दे रखी है. यह तो ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत मात्र है, अभी तो मई और जून आना बाकी है. ऐसे हालात में भारतीय मौसम विभाग द्वारा की गयी अच्छी मानसून की भविष्यवाणी समग्र भारतीयों के समक्ष आशा की किरणों का संचारण करती है .
हमारे कथित कृषि प्रधान देश भारत में अब भी खेती का ६० प्रतिशत इन्द्रदेव के मेहरबानी पर ही निर्भर करती है. अगर इद्रदेव नदारत रहते हैं, तो किसानों की रोजी रोटी के लाले पड़ जाते हैं, ऐसे में अगर भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी ज़रा सा भी यथार्तपूर्ण होती है तो यह किसानों समेत समूचे भारतवासियों के लिए प्रसन्नतापूर्ण व उत्साहवर्धक बात होगी .हमें इस बार मानसून में बरसने वाले अनमोल पानी के बेहतर प्रबंधन पर ध्यान देना होगा .
आदित्य शर्मा , दुमका
adityasharma.dmk@gmail.com
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